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    इतिहास

    पीलीभीत उत्तर प्रदेश का उत्तर पूर्वी जिला है। पहले यह रोहिलखंड का हिस्सा था। १८७९ में अंग्रेजों द्वारा नया जिला पीलीभीत बनाया गया। इसमें पांच तहसीलें हैं-पीलीभीत, पूरनपुर, बीसलपुर, अमरिया और कलीनगर। यह जिला घने जंगलों से घिरा हुआ है और यहां हिरण, बारासिंघा, भालू और सबसे खतरनाक बाघ जैसे जंगली जानवरों का प्राकृतिक निवास है। १९७१ तक, पीलीभीत जिला एक सत्र डिवीजन नहीं था। यह बरेली जिले का हिस्सा था। १९७१ में राज्य सरकार ने शासनादेश संख्या ५३६६/सात-का-१-५१०/७० टी दिनांक १८.०१.१९७१ के माध्यम से पीलीभीत का सत्र प्रभाग बनाया। श्री रिखेश्वरी प्रसाद को पीलीभीत के प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने ०१.०२.१९७१ को कार्यभार ग्रहण किया। इस जजशिप को प्रतिष्ठित जिला न्यायाधीशों का विशेषाधिकार प्राप्त है, जिनमें श्री नसीमुद्दीन, श्री कमल किशोर, श्री आर.ए.सिंह, श्री सुरेंद्र कुमार, श्री अनिल कुमार अग्रवाल, श्री अनिल कुमार शर्मा और श्री विनोद कुमार मिश्रा के रूप में माननीय उच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया है। बीसलपुर तहसील में नया बाह्य न्यायालय मार्च २०१२ में बनाया गया और उसी माह सिविल जज (जूनियर डिविजन) ने बाह्य न्यायालय का कार्यभार ग्रहण कर लिया।